देशभर में जारी लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे कोरोना योद्धा हैं जो लोगों की जरूरतों के लिए रात-दिन काम कर रहे हैं। लोगों को जरूरी सामानों में कोई कमी न आए इसके लिए वो जी जान से लगे हुए हैं। ऐसे ही कुछ लोगों में मध्यप्रदेश के सफेद वर्दीधारी स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं जो प्रदेश और देश में लोगों के लिए मालगाड़ियों से जरूरी सामान की लगातार सप्लाई करवा रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें महिला स्टेशन मास्टर भी शामिल हैं। यह महिला कोरोना योद्धा अपने परिवार की चिंता किए बगैर फर्ज के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं। भोपाल रेल मंडल के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर करीब 400 और पश्चिम-मध्य रेलवे जोन में आने वाले तीनों मंडलों (भोपाल, जबलपुर, कोटा) में इनकी संख्या 1400 है।
मालगाड़ियों में लोगों के लिए लगातार आटा, चावल से लेकर शक्कर और तेल तक भेजा जा रहा है। भोपाल में डिप्टी स्टेशन मास्टर का कहना है कि हमें अभी अपने परिवार की चिंता किए बगैर ड्यूटी करनी है और सरकार ने हमें स्वास्थ्यकर्मियों की तरह हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में भी शामिल नहीं किया है।
एक स्टेशन मास्टर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि जब वे घर लौटते हैं, तो डरे और सहमे हुए दरवाजे पर दस्तक देते हैं। बच्चों को गले लगाने का भी दिल करता है लेकिन संक्रमण के डर से मन मारकर रह जाते हैं। बता दें कि ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने दो महीनों तक दो-दो दिन का वेतन (करीब 22 करोड़ रुपये) कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देने का एलान किया है।